बीमा कम्पनी को झांसा देना पड़ा महंगा , खानी पड़ी जेल की हवा

आग्रा / संवाददाता
एक कहावत है कि ‘ सच को कितना भी छुपाओ , वह एक ना एक दिन सामने आ ही जाता है ‘ इस मामले में भी ऐसा ही कुछ हुआ । व्यापार के हुए नुकसान केलिए पिता पुत्र ने एक तरकीब लगाई। इस तरकीब से उन्हें धनराशि तो मिल गई। पर इस मामले का खुलासा होने के बाद उन्हें जेल की हवा खानी पड़ रही है।
मामला कुछ यू है के गौतम बुद्ध नगर निवासी अनिल सिंह ने सन 2003=से 2006 के बीच चार बीमा पॉलिसी निकाली थी। जिसके बाद विजयपाल सिंह जो कि अनिल सिंह के पिता लगते है ने बीमा कम्पनी की ओर क्लेम किया कि उनके बेटे का दुर्घटना में निधन हो गया है। सारी कागजी कारवाई के बाद बीमा कम्पनी ने उन्हें 72 लाख का भुगतान कर दिया था ।
अनिल सिंह मरा नहीं था उसकी जगह और किसी को मारा गया था । दरअसल अनिल सिंह जिसकी मौत जलने से हुई ऐसा बताया गया था। वह मरा नहीं था वह जिंदा था। पर सिर्फ बीमें की रकम हड़पने उसे मारा गया था।
यह थी इस घपले के पीछे की वजह – पुलिस तहकीकात में आई जानकारी के मुताबिक सिंह परिवार का ट्रैवेल्स का व्यवसाय था । तथा इस व्यवसाय में उन्हें काफी नुकसान हुआ था। इसी नुकसान के चलते इस परिवार ने दुर्घटना का प्लान बनाया
मानसिक रूप से अस्थिर युवक को दिया लालच – अपने प्लान को सक्सेस करने के लिए इन्होंने एक मानसिक रूप से अस्थिर युवक को खाने का लालच देकर जाल में फांसा। उसे खाना खिलाया ,उसे अनिल सिंह के कपड़े पहनाए गए उसे दवा पिलाई गई बादमें उसे ट्रैवेल्स में बिठाया तथा पेट्रोल डालकर बस को आग लगा दी गई ।जिसके युवक की मौत हो गई। फिर लाश को निकालकर अनिल सिंह मरा है यह साबित करने उसका विधिवत अंतिम संस्कार किया गया।
ऐसे फूटा भांडा – दरअसल अनिल सिंह को अहमदाबाद पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया था । पूंछताछ में उसने पिछले साल किए गए कांड के बारेमे भी बताया। जिसके बाद अहमदाबाद पुलिस ने इस बात की जानकारी सिहानी पुलिस को दी । बीमा कम्पनी के मैनेजर ने रकाबगंज थाने में सिंह परिवार के खिलाफ रपट दी । पुलिस ने बाप बेटे तथा उन्हें इस मामले में सहयोग करनेवाले अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है ।