भेंडवल में इस वर्ष मानसून के अनुमान पर सभी किसानों की नजर
10 मई को अक्षय तृतीया के दिन घटस्थापना
खामगांव / संवाददाता
महाराष्ट्र राज्य में विख्यात भेंडवल की
घटस्थापना अक्षय तृतीया के दिन 10 मई को की जायेगी.भेंडवल की घटस्थापना के दौरान फसलों की स्थिति, मानसून के साथ सामाजिक, आर्थिक और देश की राजनीतिक परिस्थितियों का अनुमान लगाया जाता हैं इस वर्ष मानसुन की. स्थिति कैसी रहेगी. उसी पर सभी किसानों का ध्यान केंद्रीत है.गौरतलब है कि फसल की स्थिति कैसी रहेगी, इस अनुमान के साथ अतिवृष्टी, सूखा, देश की आर्थिक परिस्थिति, राजनीतिक भविष्यवाणी, धरती पर आनेवाले संकट और शत्रु देश द्वारादिए जानेवाले धोखे कई अनेक सवालों पर भेंडवल द्वारा अनुमान लगाया जाता है. भेंडवल घटस्थापना के दौरान की जानेवाली भविष्यवाणी की तरफ किसानों की निगाहे लगी हुई है. इस वर्ष 11 मई को भेंडवल की भविष्यवाणी की जायेगी. मानसून, फसल अच्छी होगी या नहीं, राजनीतिक स्थिति और आर्थिक संकट के बारे में भेंडवल की घटस्थापना कर अनुमान लगाया जाता है. सामान्य जनजीवन से जुडे अनुमान के कारण आम नागरिको के साथ राजनीतिक दल के लोगों की भी घटस्थापना पर बेसब्री से नजर लगी रहती है. जिले के जलगांव जामोद तहसील में पूर्णा नदी के तट पर बसे हुए भेंडवल गांव में घटस्थापना की परंपरा 300 से अधिक वर्ष पुरानी है. घटस्थापना 10 मई को अक्षय तृतीया को की जायेगी और भविष्यवाणी 11 मई को सुबह चंद्रभान महाराज के वंशज पुंजाजी महाराज और सारंगधर महाराज करेंगे. घटस्थापना हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी किसानों की उपस्थिति में की जायेगी. किसान भी बड़े उत्साह के साथ इस घटस्थापना की भविष्यवाणी सुनने के लिए यहां पहुंचते हैं. घट में हुए बदलाव के आधार पर भविष्यवाणी की जाती है.
खेत में होती है घटस्थापना
अक्षय तृतीया के दिन शाम को गांव से बाहर बस स्टैंड के समीप स्थित खेत में घटस्थापना की जाती है. इस घट में गेहूं, ज्वारी, तुअर, उडद, मूंग, चना, जवस, तिल्ली, बाजरी, चावल, अंबाडी, सरकी, मटर, मसूर, करडी आदि 18 प्रकार के अनाज रखे जाते हैं. घट के मध्यभाग में मिट्टी के ढेले और उस पर पानी से भरी गागर रखी जाती है. इसके साथ ही पान सुपारी, पूरी, पापड, सांडोली – कुरडई ऐसे खाद्य पदार्थ भी रखे जाते है. रात में इस र्थान पर कोई नहीं ठहरता हैं. दूसरे दिन सुबह इस घट में हुए बदलाव का निरीक्षण किया जाता है और भविष्यवाणी की जाती है.