अकोट सत्र न्यायालय का बड़ा फैसला महिला समेत तीन को सुनाई फांसी की सजा
खेती विवाद में अपने सगे दो भाई एवं दो भतीजो को उतारा था मौत के घाट
अकोला /प्रतिनिधि
खेती के विवाद मे दो भाई और उनके बच्चों का अपने परिवार की मदद से हत्या करने वाली बहन के प्रकरण में अकोट अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। बहन के साथ तीन लोगों को मृत्यु तक फासी की शिक्षा सुनाई गई है। 2015 में अकोला जिले के तेल्हारा तहसील के मालपुरा गांव में संपत्ति के बाद में बहन के परिवार द्वारा भाई पुलिस हेड कांस्टेबल एवं निवृत्त मुख्याध्यापक समेत चार लोगों की हत्या की गई थी। हरी भाऊ राजाराम तेलगोटे, द्वारका बाई हरीभाऊ तेलगोटे, और श्याम उर्फ कुंदन हरिभाऊ तेलगोटे यह सजा सुनाए गए आरोपियों के नाम है। अकोट के सत्र न्यायालय द्वारा फांसी की शिक्षा का एक बड़ा फैसला सुनाए जाने की चर्चा चल रही है मिली जानकारी के अनुसार घटना की हकीकत इस प्रकार है कि तेल्हारा तहसील के मालपुरा में खेती के विवाद पर सगी बहन द्वारा अपने परिवार की मदद से अपने सगे 2 भाई एवं युवावस्था में प्रवेश करने वाले उनके दो बेटों को हत्या की गई थी। सेवा निवृत्त मुख्य अध्यापक बाबूराव चराटे, पुलिस हेड कांस्टेबल धनराज चराटे और उनके दो बेटे शुभम तथा गौरव यह मृतकों का नाम है।हिवरखेड के बाप दादा से मिले दो हेक्टर जमीन पर आरोपी बहन एवं मृतको में विवाद शुरू था। यह विवाद न्यायालय में भी गया था किंतु विवाद में बहन द्वारा अपने परिवार के साथ पूर्व नियोजित दोनों भाइयों और भतीजे की हत्या करने का प्लान बनाया। आरोपी बहन, जवाई और बेटा ऐसा तीनों ने मिलकर दो भाई और उनके बेटों का गला चिरकर हत्या की थी। हमलावरो की दहशत के कारण मृतको की मदद के लिए एक भी ग्रामीण आगे नहीं आया था उसके बाद इस प्रकरण में हरीभाऊ तेलगोटे, द्वारका हरिभाऊ तेलगोटे और एक नाबालिग के विरोध में पुलिस ने हत्या के साथ विभिन्न अपराध दर्ज किए थे।
*न्यायालय द्वारा इस प्रकार सुनाई गई सजा*
अकोट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश चकोर श्रीकृष्ण बाविस्कर इन्होंने सत्र खटला क्रमांक 57/ 2015 पुलिस स्टेशन हिवरखेड में अपराध क्रमांक 63/2015 में आरोपी क्रमांक एक हरीभाऊ राजाराम तेलगोटे 55 वर्ष, द्वारका हरीभाऊ तेलगोटे 50 वर्ष, शाम उर्फ कुंदन हरीभाऊ तेलगोटे 24 वर्ष सभी निवासी राहुल नगर अकोट तालुका अकोट जिला अकोला इन आरोपियों के खिलाफ हत्या का अपराध होने से आरोपी को कलम 302, 506 सहकलम 34 भादंवि की धारा नीचे दिए गए अनुसार शिक्षा सुनाई। भादंवि की धारा 302 सहकलम 34 कमल के अंतर्गत शिक्षा के पात्र अपराध के लिए आरोपी क्रमांक 1 से 3 यह मौत की सजा यानी मरे तक फांसी की शिक्षा एवं प्रत्येकी 50 हजार रुपए जुर्माना की शिक्षा सुनाई गई है। मौत की सजा की अमलबारी आरोपियों को गले में रस्सी के सहायता से मरे तक लटकाकर रखी जाए, भादंवि की धारा 506 भाग 2 सहकलम 34 अंतर्गत शिक्षा अपराध के लिए आरोपी क्रमांक 1 से 3 इन्हें प्रत्येकी 7 वर्ष की सक्षम कारावास एवं प्रत्येक की रुपए ₹10000 का जुर्माना इस प्रकार जुर्माना की भी शिक्षा सुनाई गई है। आरोपी द्वारा जुर्माना न भरने पर आरोपी को एक वर्ष अधिक कारावास की शिक्षा सुनाई गई है। किंतु जुर्माना न भरने पर भुगतने की वैकल्पिक कारावास की शिक्षा आरोपी को स्वतंत्र यानी एक के बाद दूसरी ऐसी भूगतनी होगी। इस पर चारो भी मृतक के कानूनी वारिसो को उन पर निर्भर रहने वाले को नुकसान भरपाई योजना अंतर्गत आर्थिक एवं अन्य सहायक के लिए शासन संबंधी विभाग की और से भी पुर्तता करके प्रस्ताव भेजने के लिए इस न्याय निर्णय की प्रत सचिव जिला विधि सेवा प्राधिकरण अकोला इन्हें भेजी जाए ऐसे आदेश में पारित किया गया है । इस प्रकरण की पैरवी सरकारी वकील जी एल इंगोले ने की है।